मंच पर एक बुद्धिमान व्यक्ति न... 1000 रूपये का नोट हाथ में लेकर पूछा, " यह नोट किसे चाहिए?" हाथ ऊपर उठने लगे. वह बोला," मैं आपमें से किसी एक को यह नोट दूंगा, लेकिन पहले मैं यह कर लूं.' कह कर उसने नोट को अच्छी तरह से मरोड़ दिया. फिर उसने पूछा," अब यह नोट किसे चाहिए?" लोगों के हाथ अभी भी हवा में थे. "ठीक, अब में नोट केसाथ यह करने वाला हूँ." कहकर उसने नोट को जमीन पर गिरा दिया और फर्श पर पैर से मसल दिया. अब उसने नोट उठाया, नोट मुड़ा-तुड़ा और गन्दा था. "क्या आप अभी भी इसे चाहते हैं?" उसने पूछा. अब भी बहुत से हाथ ऊपर हवा में थे. "दोस्तों, आप जिन्दगी का एक बहुत कीमती सबक सीख चुके हैं . भले ही इस नोट के साथ कुछ भी हुआ हो, लेकिन इसने अपनी कीमत नहीं खोयी. इसकी कीमत अभी भी 1000 रूपये ही है. जिन्दगी में अक्सर हम कभी अपने गलत फैसलों की वजह से तो कभी हालात बस अपने आप को गिरा हुआ, कुचला हुआ या इस समाज में अवांछित समझते हैं. हम अपने आपको किसी लायक नहीं समझते. लेकिन हमारे साथ ऐसा कुछ भी हो चुका हो या आने वाले समय में हो सकता है कि ऐसा कुछ हो , बावजूद इसके हमारी कीमत में कोई गिरावट नहीं आती और हाँ एक बात और, हम में से हर-एक कुछ खास है- यह बात हमें भूलनी नहीं चाहिए.
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